न्यूनतम समर्थन मूल्य को मज़ाक बना दिया गया है : प्रवीण झा

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  • प्रकाशित: अप्रैल 04, 2015
अर्थशास्त्री प्रवीण झा का कहना है कि जिस तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होता है वह मज़ाक से कम नहीं है। किसान की लागत बढ़ रही है, लेकिन फ़सल की कीमत तेज़ी से घट रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए उपाय की ज़रूरत है।

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