निर्मात अलंकृता श्रीवास्तव की फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' महिलाओं की आकांक्षाओं की कहानी कहती है, फिर चाहे वे किसी भी उम्र, धर्म या समाज की हों. इस फिल्म में एक महिला की पूरी जिंदगी की कहानी चार पात्रों द्वारा कही गई है जो उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर हैं. किस तरह यह महिलाएं समाज, परिवार और रवायतों की बंदिशों में जकड़ी हुई अपनी आकांक्षाओं का गला घोंट कर उन्हें जीने को मजबूर करती हैं.