जब देश अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव माना रहा है. तब केंद्र सरकार नये क़ानून लेकर आई है माना जा रहा है की इन क़ानूनों के ज़रिए महिलाओं के अधिकारों को ज़्यादा बल मिलेगा. लेकिन कुछ का कहना है की ऐसा नहीं है पुराने क़ानून में भी ये सब प्रावधान थे.अब किसी यौन उत्पीड़ित महिला को कोर्ट जाकर अपना बयान दर्ज कराने की ज़रूरत नहीं वो अपने घर में अपने परिवार वालों के सामने भी अपना बयान महिला जज को दे सकती है. देखिए पूरा रिपोर्ट...