जो काम रविवार को हो सकता था वो तीन दिन बाद बुधवार को हुआ. सरकार की किरकिरी हुई वो अलग. बीजेपी पर महिला विरोधी होने के आरोप लगे. पार्टी के प्रवक्ता सवालों से मुंह छिपाते फिरे, लेकिन आखिरकार हुआ वही, जो पहले भी हो सकता था. यानी एमजे अकबर का इस्तीफा. यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. #MeToo मुहिम के तहत 20 महिला पत्रकारों ने उन पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. इसे लेकर वो लगातार घिरे हुए थे. एमजे अकबर ने बयान जारी करके कहा है कि मैंने निजी तौर पर अदालत में न्याय पाने का फ़ैसला किया है. मुझे यह उचित लगा कि पद छोड़ दूं और अपने ऊपर लगे झूठे इल्ज़ामों का निजी स्तर पर ही जवाब दूं.