सरकार ने मंगलवार को देश के 60 से ज्यादा संस्थानों को अधिक ऑटोनॉमी यानी स्वायत्तता देने का एलान किया है. सरकार के इस फैसले से जहां कोर्सेज और फैकल्टी की नियुक्ति जैसे फैसलों में विश्वविद्यालयों को आजादी मिलेगी वहीं संस्थानों पर आर्थिक दबाव बढ़ सकता है.