बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने राज्यसभा से अपना इस्तीफ़ा दे दिया. वे इस बात से नाराज़ थीं कि दलितों के मुद्दे पर उन्हें बोलने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें दलितों का मसला भी नहीं उठाने नहीं दिया जाता तो राज्यसभा में रहने का कोई फ़ायदा नहीं. सियासी पंडित इस्तीफ़े के पीछे कुछ और भी देख रहे हैं. उन्हें लगता है कि मायावती के दलित वोटों में एक ओर बीजेपी सेंध लगा रही है तो दूसरी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चंद्रशेखर नाम का एक नया दलित नेता खड़ा हो गया है. ऐसे में अपने खिसकते जनाधार को रोकने के लिए मायावती ने ये बड़ा दांव खेला है.