ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि मुसलमानों की दूसरे मजहब में शादी गैर-इस्लामी है. इसे रोकने के लिए अभिभावकों को बच्चों के मोबाइल पर गहरी नजर रखनी चाहिए. लड़कियों को को-एड स्कूल में नहीं पढ़ाना चाहिए. तमाम मुस्लिम बुद्धिजीवियों का कहना है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बिल्कुल खाप पंचायत जैसा काम किया है.