नंदीग्राम का चुनाव एक सीट के तौर पर नहीं ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के लड़ने के लिए एक रणनीतिक चुनाव था. उसका नतीजा देख रहे हैं कि बंगाल में तृणमूल की कितनी ज्यादा सीटें आई हैं. नंदीग्राम में कड़ा मुकाबला था. शुभेंदु अधिकारी वहां से लड़ रहे थे और यह मुश्किल सीट थी. इस बारे में तृणमूल के नेता और पश्चिम बंगाल (West Bengal) के निवर्तमान वित्त मंत्री अमित मित्रा (Amit Mitra) ने कहा कि नंदीग्राम का कोई बड़ी बात नहीं, गहरा मुद्दा यह है कि यह सिर्फ बगाल की लड़ाई नहीं थी, भारत की जो धड़कन है, उसके लिए लड़ाई थी. आरएसएस (RSS) के सेक्रेटरी ने 2015 में कहा था कि हमें हर स्टेट जीतना है, तभी हम संघ परिवार के विचार पूरे भारत में ला पाएंगे. ममता बनर्जी ने उस परिकल्पना को रोक दिया.