उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश की सीमा पर सिंगरौली में 10 कोयले पर आधारित पावर प्लांट हैं जहां से 21,000 मेगावाट से ज़्यादा बिजली का उत्पादन होता है. ये अपने आप में एक रिकॉर्ड है. लेकिन साथ में ये भी रिकॉर्ड है कि ये देश का दूसरा सबसे ज़्यादा प्रदूषित औद्योगिक ज़ोन है. इसका असर यहां लगातार बढ़ता जा रहा है. गांवों में प्रदूषण की वजह से बीमार लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. लेकिन अब पावर प्लांट के विषैले अवशेष गांवों को बरबाद करने लगे हैं. एक प्लांट के कृत्रिम झील में रिसाव हुआ और क़रीब चार किलोमीटर का इलाका विषैले अवशेष से भर गया. गांव वालों का आरोप है कि कंपनी ने जान बूझकर ऐसा किया है. वहीं कंपनी गांववालों पर आरोप लगा रही है. इन आरोप-प्रत्यारोप के बीच इस इलाके में लोगों की ज़िंदगी में मुश्किलें बढ़ गई हैं.