मध्य प्रदेश में इस साल 40 फीसदी खेती के इलाके सूखे की चपेट में हैं और अभी तक 30 किसानों के आत्महत्या की खबर भी आ चुकी है। ऐसी बुरी हालत में किसानों को उम्मीद थी कि पिछले साल की सोयाबीन की चौपट फसल के इंश्योरेंस से मिलने वाले पैसे से हालत बेहतर होगी, लेकिन जो पैसे इन किसानों के लिए गए वो एक मजाक से कम नहीं थे।