लखनऊ सेंट्रल' एक अच्छे विषय पर बनाई गई कमजोर फिल्म है. बेशक फिल्म प्रिजन ब्रेक, शॉशैंक रिडेम्प्शन और कैदी बैंड से काफी कुछ मिलती जुलती है, लेकिन डायरेक्टर फिल्म के दिलचस्प विषय को उस ढंग से नहीं दिखाया पाया, जो दर्शकों को बांध सके. फिल्म में सब कुछ बहुत स्वाभाविक है, और कुछ भी अप्रत्याशित नहीं होता है.