हमारा सूरज जिस प्रक्रिया से अरबों साल से ऊर्जा बना रहा है अगर उस प्रक्रिया पर हम काबू पा लें, तो हमारी एक बड़ी मुसीबत ख़त्म हो जाएगी. हम ऊर्जा के एक साफ़-सुथरे स्रोत को हासिल कर लेंगे जो पर्यावरण के लिए बहुत फ़ायदेमंद होगा. इस प्रक्रिया को वैज्ञानिक भाषा में फ़्यूज़न और इससे पैदा होने वाली ऊर्जा को फ़्यूज़न पावर कहते हैं. इसी सिलसिले में फ्रांस में एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है जिसमें दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक शामिल हैं. इनमें कई भारतीय वैज्ञानिक भी हैं. 20 अरब डॉलर से ज्यादा की लागत वाले इस मेगा प्रोजेक्ट पर भारत की गहरी छाप है. भारत सरकार इसके लिए साढ़े सत्रह हज़ार करोड़ रुपए दे रही है, और कई अहम उपकरण सप्लाई कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की यात्रा में इस ITER प्रोजेक्ट का भी जायज़ा लेंगे.भारत इस प्रयोग में दस फीसदी लागत देगा और उसे सौ फीसदी टैक्नॉलजी हासिल होगी.