फ्रेंच अखबार Le Monde की रिपोर्ट के मुताबिक 36 रफ़ाल खरीदने के भारत के एलान के कुछ महीनों बाद फ्रांस ने 2015 में अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन की
फ्रांस में रजिस्टर्ड टेलिकॉम सब्सिडियरी को टैक्स में 143.7 मिलियन यूरो की रियायत दी. इस रिपोर्ट के बाद सियासी गलियारे में घमासान मच गया है.