29 सितंबर 2006 को महाराष्ट्र में खैरलांजी गांव के एक दलित किसान भैयालाल भूतमांगे की पत्नी और बच्चों की दूसरी पिछड़ी जाति के हिंदुओं ने पीट-पीटकर मार डाला. बॉम्बे हाइकोर्ट ने इसे बदले की हत्या का मामला माना, जातिगत उत्पीड़न नहीं और आरोपियों को जेल में 25 साल रहने की सज़ा सुनाई. रोहित वेमुला की खुदकुशी और उना की शर्मनाक घटना से एक दशक पहले देश के दलितों के लिए खैरलांजी हद से ज़्यादा जातिगत भेदभाव की मिसाल बन गया.