लोक जनशक्ति पार्टी में अब लड़ाई ऑनरशिप यानी पार्टी किसकी है, उसकी है. उस पर किसका हक है. एलजेपी को कौन अब चलाएगा. चाचा और चिराग की लड़ाई के बीच दोनों गुट चुनाव आयोग में पार्टी की सिंबल पर दावा करने पहुंच रहे हैं, तो एलजेपी पार्टी तो एक ही है. लेकिन अब उसमें दो गुट हैं. दोनों गुटों के दो अध्यक्ष हैं. बिहार में दो खेमों के दो अलग-अलग नेताओं को कमान अब सौंप दी गई है. चाचा पशुपति पारस अब एलजेपी के संसदीय दल के नेता हैं. वो पार्टी के अध्यक्ष भी हैं. उन्हें उम्मीद भी है कि मोदी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है. ये बात और है कि दोनों पर रहने के बाद कल उन्होंने चिराग को अहम पदों से हटाया. अब एलजेपी पर कब्जे की लड़ाई तेज हो रही है. इसके लिए तीन अहम पैमाने हैं.