इक्कीसवीं सदी का भारत, विकसित भारत का सपना, परंपरा और संस्कृति का हवाला और विश्व गुरु बनने की चाहत. यह तमाम बातें हैं जिन पर इतराने वालों की कमी नहीं है. ऐसी सोच रखने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन हमारे देश में एक दलित बच्चे को सिर्फ इसलिए मार दिया जाता है क्योंकि उसने सवर्ण जाति से आने वाले अपने शिक्षक की पानी से भरी मटकी को छुआ.