केसरी कहानी है ब्रिटिश आर्मी की 36 सिख रेजिमेंट की, जिसके 21 सिपाहियों ने 1897 में करीब 6 से 10000 अफ़गानी पठानों के साथ युद्ध लड़ा और पूरे एक दिन वो इस युद्ध में डटे रहे. सारागढ़ी की इस कहानी के बारे में शायद ज़यादा रिसर्च मैटिरीयल नहीं है और इसी वजह से इसे 2 घंटे से ज़्यादा की फिल्म में तब्दील करना मुश्किल काम था जो की पर्दे पर बखूबी नज़र आता है. फिल्म का इंटरवल से पहले का हिस्सा बेहद खिंचा हुआ और बोरिंग लगता है. स्क्रिप्ट कमजोर साथ ही पहले हिस्से का स्क्रीनप्ले भी कमजोर है.