इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत - यह कश्मीर की समस्या की आयुर्वेदिक दवा है. जब ऐलोपेथिक फेल हो जाती है तो इसे याद किया जाता है. प्रधानमंत्री मोदी भी वाजपेयी की इस दवा का ज़िक्र करते रहे हैं. मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती अचानक ज़ोर-ज़ोर से कहने लगी हैं कि वाजपेयी जी के टाइम में भी बातचीत हुई, एल के आडवाणी डिप्टी पीएम थे तब हुर्रियत के साथ बात हुई. हमें जहां पर वाजपेयी जी छोड़ गए थे, वहीं से इसको आगे ले जाना पड़ेगा, वरना जम्मू-कश्मीर के हालात सुधरने का कोई चांस नहीं है.