हिजाब, हलाल मीट और अजान के बाद अब कर्नाटक में विवाद धर्मांतरण रोकथाम अधिनियम को लेकर शुरू हो गया है. विधानसभा में बिल पिछले साल दिसंबर में पास हुआ लेकिन विधान परिषद में नंबर न होने की वजह से मामला अटक गया. हालांकि अब बीजेपी सरकार विधान परिषद में इसे पास करा सकती है, लेकिन सरकार ने अध्यादेश का सहारा लेने का फैसला किया. इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं कि इतनी जल्दी क्या थी.