1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए सेना के जवान की पत्नी को 49 साल बाद न्याय मिला। इस दौरान वह दर दर की ठोकरें खाती रही। आश्रम में दिन बिताया। आखिरकार बॉम्बे हाईकोर्ट ने उसकी फरियाद सुनी और सरकार को हुक्म दिया कि खेती और रहने के लिए 2 महीने के भीतर जमीन दी जाए।