प्रदीप जून रोहतक, हरियाणा में पहलवानी करते थे. NDTV से ख़ास बातचीत में प्रदीप जून ने बताया कि कैसे 2011 में एक बैलगाड़ी उनके पांव पर गिरी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. डॉक्टरों ने लापरवाही की और आज वो एशियाड और ओलिंपिक्स में पदक जीतने का ख़्वाब देख रहे हैं.