बिहार में भले चुनावों की घोषणा अब जाकर हुई है, लेकिन प्रचार की जंग काफ़ी पहले शुरू हो गई थी। जेडीयू की कोशिश नीतीश कुमार को बिहार के इकलौते विकल्प, महागठबंधन के असली नेता और नरेंद्र मोदी के मुक़ाबले खड़े हो सकने वाले नेता के रूप में पेश करने की है। वहीं पार्टी के प्रचार अभियान में जुटी पेशेवर लोगों की नौजवान टीम अपने साथ नौजवानों को ही जोड़ने की कोशिश में है, क्योंकि बिहार के आधे से ज़्यादा वोटर 40 साल से नीचे के हैं।