कभी ग्वालियर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कही जाने वाली जेसी कॉटन मिल्स को बंद हुए डेढ़ दशक बीत गए. मिल बंद होने की वजह से हजारों लोग सड़क पर आ गए. सरकार ने चार हज़ार करोड़ के MoU बीते आठ सालों में साइन कर के वाह वाही तो बटोरी लेकिन उनमें से चंद ही उद्योग लगे. पर इन सब के बावजूद सियासत से ये मुद्दे गायब हैं. ग्वालियर से रवीश रंजन शुक्ला की रिपोर्ट.