देश में फैले डर पर बात करते हुए जावेद अख्तर ने कहा कि देश में यह माहौल अल्पसंख्यकों को डराने या काबू में करने के लिए नहीं है बल्कि इस देश की बहुसंख्यक आबादी को काबू में करने के लिए है. उन्होंने कहा कि आज हालात ऐसे हैं कि अच्छे अच्छों की हिम्मत नहीं है कुछ बोलने की. डरने के लिए आपको मुसलमान होने की जरूरत नहीं है. आप अगर आप हिंदू हैं और इनसे असहमत हैं और रवीश कुमार नहीं है तो आप भी डरेंगे. उन्होंने कहा कि इस बात को अल्पसंख्यकों को भी समझना चाहिए कि यह परेशानी सिर्फ उनकी नहीं है बल्कि पूरे देश की है.