Jammu Kashmir Assembly Election: कहा जाता है कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता...और ये लचीलापन लोकतंत्र को मज़बूत भी बनाता है..इसी चुनाव में देखिए...जिस उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि वो जम्मू-कश्मीर में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होने तक चुनावों में भाग नहीं लेंगे...अब वो इलेक्शन लड़ रहे हैं...एक नहीं, बल्कि दो-दो सीटों पर लड़ रहे हैं...ये तो हुई मुख्य धारा के दलों की बात...लेकिन अबकी बार उन संगठनों का भी ह्रदय परिवर्तन हो गया...जिन्होंने वर्षों से लोकतंत्र से दूरी बना रखी थी...और इन सबसे बढ़कर आम जनता क्या सोचती है...इस रिपोर्ट में विस्तार से देखिए.