धार्मिक कट्टरता के खिलाफ लिखने वाली गौरी लंकेश की पांच सितंबर को ही पिछले साल हत्या कर दी गई थी. गौरी लंकेश ने हमेशा से ही हिंसा और हत्या की राजनीति का विरोध किया था. अपनी लेखनी में कर्नाटक में उभर रही ऐसी ताकतों के बारे में पता कर रही थी और लिख रही थी. जाहिर है इसी तबके से उनकी हत्या के बाद सोशल मीडिया पर जश्न मनाया गया. उस दिन सिर्फ गौरी लंकेश की हत्या नहीं हुई थी बल्कि यह भी मालूम चला है कि हमारे समाज में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो हत्या को भी सही साबित करने में लग जाते हैं.