देश में जहां एक तरफ नीरव मोदी जैसे तगड़े व्यवसायी हैं जिन्हें बैंक बिना किसी सुरक्षा के आराम से जब जी चाहे जितना चाहे कर्ज़ दे देता है. वहीं दूसरी तरफ ऐसे लाखों लोग हैं जो कर्ज़ लेकर अपनी रोज़ी रोटी चलाते हैं और अगर किसी कारण कुछ EMI न चुका पाए तो फिर बैंक उनकी खाट खड़ी कर देता है.