गाज़ा की ज़मीन पर दो साल बाद शांति की दस्तक हुई, लेकिन ये राहत ज़्यादा देर टिकती नहीं दिख रही। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने जहां “नई सुबह” की बात की थी, वहीं अब ट्रंप खुद हमास को खुली चेतावनी दे रहे हैं — अगर उसने समझौते की शर्तें नहीं मानीं, तो इज़राइल फिर से सैन्य कार्रवाई शुरू कर सकता है। गाज़ा में बंदूकें थमी ज़रूर हैं, मगर माहौल अब भी बारूद-भरा है। मिस्र ने राफा बॉर्डर के ज़रिए शांति का “किंग” बनने की कोशिश की, लेकिन सवाल वही है — क्या यह डील सच में मिडिल ईस्ट के नए दौर की शुरुआत है, या बस एक और कागज़ी समझौता?