नौकरी सीरीज़ का 28वां अंक आ गया है. जहां परीक्षाएं हो रही है वहां धांधली और लीक की ख़बरें गुलज़ार हैं और जहां परीक्षा हो चुकी है वहां जांच की मांग और ज्वाइनिंग की तारीख की मांग हो रही है. अगर आप सरकारी नौकरी की भर्ती की परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे हैं तो साथ-साथ धरना प्रदर्शन की भी तैयारी कर लीजिए. जिस कॉपी में प्रैक्टिस करते हैं उसी के हाशिये पर पहले से ही मुर्दाबाद के नारे लिखना शुरू कर दीजिए. इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप भारत के किस राज्य में है, हर जगह यही हाल है. हमने नौकरी सीरीज़ की शुरुआत इसलिए की ताकि इसके साथ-साथ आप नौजवानों की ज़िंदगी में झांक सकें, देख सकें कि उनके साथ सरकारें कैसा मज़ाक कर रही हैं. चुनाव के समय युवा-युवा करने वाला कोई भी नेता इस परीक्षा व्यवस्था को ठीक करने के लिए तत्पर नज़र नहीं आता है. चाहे वो सत्ता पक्ष का हो या विपक्ष का. हर कोई चाहता है कि युवाओं की नाराज़गी का लाभ उसे मिले, मैं बस इतना चाहता हूं कि युवाओं को नौकरी साफ सुथरी प्रक्रिया और पारदर्शिता से मिले.