व्हाट्स अप ने कश्मीर पर जितने प्रोफेसर कश्मीर के भीतर पैदा कर दिये हैं, उससे ज्यादा कश्मीर के बाहर. व्हाट्स अप के ज़रिये कश्मीर के ज़रिये जिस तरह के तथ्यों को गढ़ा जा रहा है उससे हालात बिगड़ ही रहे हैं. वही हाल शेष भारत में भी है. व्हाट्स अप यूनिवर्सिटी के कारण हर दूसरा आदमी कश्मीर पर राय रखता है.