कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपनी घरेलू राजनीति के लिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों को दांव पर लगा दिया है. अपनी राजनीति को चमकाने के लिए भारत के साथ अपने संबंधों को ताक पर रख दिया है. लेकिन ट्रूडो की समस्या ये है कि वो इतना करने के बावजूद घरेलू राजनीति में चमक नहीं पा रहे. घरेलू नीतियों में वो बुरी तरह पिट रहे हैं. लिहाज़ा उनकी ही पार्टी के बीस से ज़्यादा सांसद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा मांगने के लिए उन्हें पत्र लिख चुके हैं और 28 अक्टूबर का अल्टीमेटम दे चुके हैं. यही नहीं लोकप्रियता के मामले में ट्रूडो विपक्ष के नेता से 20 फीसदी नीचे चल रहे हैं. भारत के ख़िलाफ़ उनका आग उगलना भी नाकाम ही रहा है.