प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से कहा कि भारत ने सदियों तक मातृ-भूमि, संस्कृति और आजादी के लिए संघर्ष किया है. आजादी की ललक इस देश ने सदियों तक छोड़ी नहीं. जय-पराजय आते रहे, लेकिन मन मंदिर में बसी आजादी की आकांक्षा कभी खत्म नहीं होने दी. हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है. यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है. अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा.