UPSC ने पूजा खेडकर की Provisional उम्मीदवारी रद्द की. आगे किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगाई. 30 जुलाई तक अपनी सफाई का मौका दिया था लेकिन वे समिति के सामने पेश नहीं हुईं. पिछले 15 साल के 15000 उम्मीदवारों के डेटा की जांच की गई. केवल पूजा खेडकर के डेटा की छानबीन से पता नहीं चल पाया कि उन्होंने कितनी बार परीक्षा दी क्योंकि उन्हें न केवल अपना नाम बदला बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदला जहां तक ओबीसी या दिव्यांग प्रमाण पत्र का प्रश्न है, यूपीएससी ने स्पष्ट किया कि वह ऐसे प्रमाणपत्रों की केवल प्राथमिक छानबीन करता है कि कहीं इसमे ओवरराइटिंग तो नहीं.