बिहार में विधानसभा चुनाव सिर पर है और बिहार में गानों की बहार है. इनमें ज्यादातर गानें भोजपुरी हैं. आरोप-प्रत्यारोप सब सुरीले अंदाज में गानों के जरिए लगाया जा रहा है. कोई पूछ रहा है कि बिहार में है क्या? तो जवाब में बखान हो रहा है कि बिहार में क्या नहीं है? और ये बखान इतना ज्यादा हो रहा है कि लगा बिहार ने पिछले 15 सालों में ही अपना सबसे गौरवमयी काल देखा. जैसे बिहार में सब कुछ इन्हीं पंद्रह सालों में बना. लेकिन इस बखान के बाद सवाल पूछा गया कि बिहार में किया क्या गया है?