क्या भीड़ के हाथों की गई हिंसा से निबटने के लिए, इस पर रोक लगाने के लिए मौजूदा कानून पर्याप्त है या इसके लिए एक अलग कानून बनाने की जरूरत है? इस पर संसद के इस सत्र में बहस हुई. विपक्ष ने संसद के मौजूदा मॉनसून सत्र में इसकी मांग की. हाल के दिनों में अल्पसंख्यकों और दलितों के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में भीड़ के हाथों हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं.