पटना के फुलवारीशरीफ में 21 दिसंबर को टमटम पड़ाव पर प्रदर्शनकारियों के सामने एक और भीड़ आ गई. नागरिकता कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सामने से पत्थर चलाने वाले आ गए. इन्हें कोई हिंसक भीड़ या दंगाई नहीं कह रहा है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि ये लोग सामने खड़ी भीड़ पर पथराव कर रहे हैं. जिनती देर का वीडियो है उतनी देर में एक भी पत्थर सामने से आता नहीं दिखाई देता है. पथराव करने वालों के बीच या साथ में कोई पुलिस नहीं है. पुलिस प्रदर्शनकारियों की साइड में है जो दूर खड़ी है. सामने से पत्थर और गोलियां चलने लगती हैं. प्रदर्शनकारियों की तरफ से गोली नहीं चली है. गोलियों के शिकार सभी एक ही समुदाय के हैं. ज़ाहिर है प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने वाले कौन थे? पथराव में कई लोग घायल हुए हैं. जिनमें दोनों समुदाय के लोग हैं. आखिर दोनों समुदाय के बीच टकराव की नौबत कैसे आ गई. एक भीड़ के सामने दूसरी भीड़ किसके इशारे पर गई?