प्राइम टाइम: रोज़गार के मुद्दे पर हमारी सरकारें कितनी गंभीर?

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  • प्रकाशित: दिसम्बर 19, 2018
नौजवानों का सबसे बड़ा इम्तहान यह है कि वे नौकरी को लेकर किए जा रहे किसी भी वादे और बहस को लेकर भावुक न हों. न तो कांग्रेस की तरफ से भावुक हों न बीजेपी की तरफ से. आपने नौकरी सीरीज़ के दौरान देखा है कि किस तरह देश के कई राज्यों में चयन आयोगों ने नौजवानों को अपमानित और प्रताड़ित किया है. पांच साल में मोदी सरकार ऐसी व्यवस्था नहीं बना सकी जिससे प्राइवेट सेक्टर और सरकारी सेक्टर में नौकरियों की सही सही संख्या का पता चले.

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