राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 2014 में 20,201 भारतीय तरह-तरह की प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए. महानगरों का आलम यह है कि जिसे हम पहले जलभराव कहते थे वो अब बाढ़ का रूप लेने लगा है. अब बाढ़ के लिए नदी की ज़रूरत नहीं है, बारिश होने पर शहर जाम होता है और बाढ़ आ जाती है. ये शहरी बाढ़ है जो कंक्रीट के करामात से आती है. असम में बाढ़ राष्ट्रीय ख़बर नहीं है लेकिन दिल्ली का मीडिया यमुना नदी के मैदान में बाढ़ का पानी देखते ही सक्रिय हो जाता है.