अमित शाह की बतौर गृह मंत्री आज संसद में पहली स्पीच जम्मू कश्मीर पर थी. वो अभी कश्मीर के 2 दिवसीय दौरे से लौटे हैं. चूंकि राष्ट्रपति शासन 6 महीने और बढ़ा दिया गया था तो प्रक्रिया के तहत संसद में उसपर चर्चा लाज़मी थी. कश्मीर पर उन्होंने अपनी सरकार का ब्लूप्रिंट प्रस्तुत किया लेकिन उससे पहले बहुत डिटेल में समझाया की किस तरह से समस्या को पहले समझने की ज़रूरत है और उसका जवाब इतिहास में है. उन्होंने नेहरू को ज़िम्मेदार ठहराया, कहा पाकिस्तान से शांति समझौता कर POK का कंट्रोल गवां दिया लेकिन आगे क्या? कश्मीर से आतंकवाद को मिटाने का क्या है अमित शाह का प्लान? शाह का कहना है की दवाई कटु है लेकिन आतंकवाद खत्म करने के लिए पीना जरूरी है.