दिल्ली के क़रीब अरावली रेंजमें बसे खोरी गांव रह रहे क़रीब 40 हज़ार लोगों को वहां से हटाए जाने के लिए तय मियाद गुज़र चुकी है. उनकी झुग्गी झोंपड़ियों को गिराने का काम शुरू हो चुका है, लेकिन उनका पुनर्वास कहां और कैसे होगा इसकी कोई योजना किसी के पास नहीं है. 40 साल की सरवरी की ज़िंदगी जैसे थम सी गई है. फ़रीदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने उनका घर उजाड़ दिया वो भी कोरोना महामारी के बीच. सरवरी ने कहा कि गरीबों को हमेशा सताया जाता है, अमीरों को नहीं. हम यहां 15 साल से रह रहे हैं. हम लेबर क्लास हैं. हमारे पास और कुछ नहीं है. लॉकडाउन के कारण बचत भी खत्म हो चुकी है. सरकार कहती है जहां झुग्गी वहां मकान, अब तो झुग्गी भी नहीं रही.