उन्होंने कहा कि दुनियाभर में यह बात आम है कि 21वीं सदी भारत की है. यह सपना ही नहीं. हम सभी की जिम्मेदारी है. विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका समाधान का मार्ग एक ही है-आत्मनिर्भर भारत. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की भव्य इमारत पांच पिलर-इकोनॉमी, इंफ्रास्टक्चर, सिस्टम, डेमाग्राफी और डिमांड पर टिकी हुई है.