1984 की सिख विरोधी हिंसा अब भी आज़ाद भारत के इतिहास के सबसे बदनुमा दाग़ों में से एक है. 35 साल बाद इसका ज़िक्र छिड़ते बहुत सारे ज़ख़्म हरे हो जाते हैं.आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि अगर नरसिम्हा राव समय पर सेना को बुलाते तो दंगे रोके जा सकते थे. अब इस बयान को लेकर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर निशाना साध रही है.
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