बॉलीवुड एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने NDTV से खास बातचीत में बड़े पर्दे पर दलितों के मुद्दों पर बनने वाली फिल्मों को लेकर कहा, 'मुझे लगता है कि पहले हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बहुत ज्यादा प्रोग्रेसिव रही थी क्योंकि 1936 में अछूत कन्या फिल्म बनी थी, देविका रानी और अशोक कुमार साहब की. फिल्म में एक दलित महिला को अपर कास्ट आदमी से प्रेम हो जाता है. अंत में कैसे उसकी मौत हो जाती है. हम लगातार ऐसी फिल्में बनाते आए हैं.' उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं लोग संकोच करते हैं इस टॉपिक को छेड़ने से. फिल्म जगत समाज से परे नहीं है.