पेरिस में चल रहे जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में इस बात को लेकर लड़ाई तेज़ हो गई है। जहां अमेरिका और यूरोपियन यूनियन गरीब और विकासशील देशों से लॉस एंड डैमेज के लिए पैसे न मांगने को कह रहे हैं, वहीं भारत ने भी अमीर देशों से साफ़ कह दिया है कि कम से कम क्लाइमेट फाइनेंस के मामले में अमेरिका जैसे देशों को अपना वादा पूरा करना पड़ेगा और इस बार झूठा दिलासा नहीं चलेगा।