मानसिक रोग से उबरने के लिए लोगों को अपने घरवालों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. लेकिन ऐसे ही रोगियों को इलाज के लिए घर वाले आश्रम में छोड़ गए. लेकिन जो महिला मानसिक रोग से उबर चुकी हैं, उसे लंबा वक्त बीतने के बाद भी कोई वापस लेने नहीं आया. जबकि यहां मौजूद महिलाएं सालों से अपने घर वालों की राह देख रहे हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है अन्नपूर्णा की