मशहूर गीतकार, शायर और संवाद लेखक जावेद अख्तर ने फिल्मों को लेकर अक्सर होने वाले विवादों को लेकर आज NDTV से कहा कि, फिल्मों के बॉयकाट का चलन हो गया है. हमारा फिल्म सर्टिफिकेशन का ऑर्गनाइजेशन है, यह सरकारी है जो फिल्म को देखता है. उसमें बताते हैं कि यह गलत है, इसको हटा दीजिए. इस ऑर्गनाइजेशन को हम सेंसर बोर्ड कहते हैं. सरकार को अपने इंस्टीट्यूशन की इज्जत रखनी चाहिए. बाहर के लोग तय करें कि कौन सी फिल्म चलनी चाहिए, कौन सी नहीं, तो सर्टिफिकेशन की ज़रूरत क्या है?