5.7 प्रतिशत से बढ़कर जीडीपी 6.3 हो गई है. एक बात का ध्यान रखिएगा. इन आंकड़ों की तुलना इस साल की पहली तिमाही से की जाएगी और पिछले साल की दूसरी तिमाही से की जाती है. देखने के लिए कि हम पहली तिमाही की तुलना में कहां हैं और पिछले साल के इसी समय की तुलना में कहां खड़े हैं. सीएसओ की रीलीज़ में बताया गया है कि पिछले साल की दूसरी तिमाही में भारत की कुल जीडीपी 29.79 लाख करोड़ की थी, इस बार बढ़कर 31.66 लाख करोड़ की हो गई है. यानी पिछले साल की तुलना में 1 लाख 87 हज़ार करोड़ बढ़ गया है. जो बताता है कि विकास दर 6.3 प्रतिशत हो गई है. अब इसके बाद देखा जाता है कि किस सेक्टर में आर्थिक गतिविधियों में तेज़ी आई है, किस सेक्टर में गिरावट आई है और किस सेक्टर में कोई सुधार नहीं हुआ है. आम तौर पर मैन्यूफैक्चरिंग का संबंध नौकरियों से जोड़ा जाता है इसलिए यह सेक्टर हर बार महत्वपूर्ण हो जाता है.