''हमें पता चला है कि विधायक के लोग ज़िम्मेदार हैं. काफ़ी समय से ये लोग हमें धमकी दे रहे थे. हमें कहते थे कि सिर्फ़ हमारे बॉस ही जेल में हैं. वो जेल में हो सकते हैं, लेकिन उनके लोग नहीं. विधायक आराम से जेल में फ़ोन इस्तेमाल करता है. हम न्याय की गुहार लगा रहे हैं. '' ये फरियाद है उस मां की जिसकी बेटी अस्पताल में जिन्दगी और मौत के बीच झूल रही है. सामूहिक बलात्कार की पीड़ित इनकी बेटी की लड़ाई एक दबंग सत्ताधारी विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ है. इसी पर बलात्कार का आरोप है. ये वो लड़ाई है जिसमें पीड़ित बेटी लगातार अपने परिवार के सदस्यों को खोती जा रही है. रविवार को हुए सड़क हादसे में उसकी चाची, मौसी की मौत हो गई. इससे पहले वो अपने पिता को खो चुकी है. अप्रैल 2018 उसके पिता की जेल में मौत हुई. अगस्त 2018 पीड़िता के पिता पर हमले के चश्मदीद की मौत हो जाती है. जब मामले ने तूल पकड़ा तो विधायक को सलाखों के पीछे किया गया... क़रीब एक साल से वो जेल में है. पिता के जाने के बाद लड़की के चाचा उसके साथ खड़े थे लेकिन अब वो भी जेल में हैं सेंगर से जुड़े एक केस में. रविवार को जब पीड़िता परिवार के साथ गाड़ी में बैठ कर चाचा से मिलने जा रही थी तो ये दुर्घटना हो गई. इन्ही चाचा की पत्नी की इसी सड़क हादसे में मौत हो गई. अब लड़की की मां और छोटी बहन बचे है.