उन्नाव में रेप की पीड़िता का मामला आज सुप्रीम कोर्ट में गूंजा. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने खुली अदालत में कहा, ''मैंने अख़बारों में ख़बर पढ़ी कि पीड़िता के परिवार ने मुझे चिठ्ठी लिखी है. मेरे पास ये चिठ्ठी कल आई थी. मैंने अभी तक पत्र नही देखा है. अभी इसे मेरे सामने रखा जाना बाकी है. हम इस अत्यधिक विनाशकारी अस्थिर वातावरण के बीच में कुछ रचनात्मक करने की कोशिश करते हैं और ऐसा होता है.'' चीफ़ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से कहा कि वो चिट्ठी को कोर्ट के सामने रखे. रजिस्ट्री ये भी बताए कि चिट्ठी को कोर्ट के सामने रखने में इतनी देरी क्यों हुई? दरअसल pocso मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वी गिरी को अपनी सहायता के लिए एमिकस क्यूरी यानी कोर्ट मित्र बनाया है. गिरी ने पॉक्सो मामले के लिए मेंशन किया था जिसमें ये ज़िक्र आया. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को उन ज़िलों में विशेष पॉक्सो कोर्ट बनाने के आदेश दिए है जहां 100 से ज़्यादा मामले लंबित हैं. केंद्र सरकार को साठ दिनों ये कोर्ट गठित करनी हैं. इसका सारा खर्च भी केंद्र ही देगा. प्रधान न्यायाधीश ने सेक्रेटरी जनरल को इस पत्र के आधार पर एक नोट तैयार कर अदालत में पेश करने को भी कहा है. साथ ही कोर्ट ने 12 जुलाई को लिखे इस पत्र को इलाहाबाद उच्च न्यायलय और यूपी सरकार के अन्य प्राधिकारियों को भेजा है.