मुबंई में हर साल अमूमन दो हज़ार बच्चे लापता या चोरी होते हैं और देश में ये संख्या लाखों में है। शक है कि चोरी के बच्चों का भीख मांगने के लिए इस्तेमाल होता है। इसलिए महाराष्ट्र महिला और बाल विकास मंत्रालय ने छोटे बच्चों को गोद में लेकर भीख मांगने वालों का डीएनए टेस्ट कराने का प्रस्ताव तैयार किया है।